| Attribute | Details |
|---|---|
| Song Name | Muskan Jhuthi Hai |
| Singer Name | Suman Sridhar |
| Lyrics Name | Vishal Mishra |
| Music Director | Vishal Mishra |
| Label | T-Series |
Muskan Jhuthi Hai Lyrics
Raat mein hee jaagate hainYe gunahon ke gharInki raahen kholen baahenJo bhee aaye idharYe hai gumraahon ka raastaa
Muskaane juthi hainPahachaanen juthi hainRangini hai chaiPhir bhee hai tanhai
Kal inhen galiyon mein, in masali kaliyon meinTo ye dhooma thiJo rooh pyaasi hai, jismein udaasi haiVo hai gumti
Sabko talash vaheeSamjhe ye kaash koyiYe hai gumraahon ka raastaa
Muskaane juthi hainPahachaanen juthi hainRangini hai chaiPhir bhee hai tanhai
Halke ujaalon meinHalke andheron mein jo ik raaj haiKyun kho gaya hai vo?Kya ho gaya hai ki vo naaraaz hai?
Ai raat, itana bataaTujko to hoga pataYe hai gumraahon ka raastaa
Muskaane juthi hainPahachaanen juthi hainRangini hai chaiPhir bhee hai tanhai
Muskaane juthi hainPahachaanen juthi hainRangini hai chaiPhir bhee hai tanhai
Muskan Jhuthi Hai Lyrics In Hindi
रात में ही जागते हैं
ये गुनाहों के घर
इनकी राहें खोलें बाहें
जो भी आये इधर
ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई
कल इन्हें गलियों में, इन मसाली कलियों में
तो ये धूम थी
जो रूह प्यासी है, जिसमें उदासी है
वो है गुमटी
सबको तलाश वही
समझे ये काश कोई
ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई
हल्के उजालों में
हल्के अँधेरों में जो इक राज है
क्यों खो गया है वो?
क्या हो गया है कि वो नाराज़ है?
ऐ रात, इतना बता
तुझको तो होगा पता
ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई
ये गुनाहों के घर
इनकी राहें खोलें बाहें
जो भी आये इधर
ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई
कल इन्हें गलियों में, इन मसाली कलियों में
तो ये धूम थी
जो रूह प्यासी है, जिसमें उदासी है
वो है गुमटी
सबको तलाश वही
समझे ये काश कोई
ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई
हल्के उजालों में
हल्के अँधेरों में जो इक राज है
क्यों खो गया है वो?
क्या हो गया है कि वो नाराज़ है?
ऐ रात, इतना बता
तुझको तो होगा पता
ये है गुमराहों का रास्ता
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई
मुस्काने जूठी हैं
पहाचाणें जूथि हैं
रंगीन है चाय
फिर भी है तन्हाई

