Chandraghanta Mata Aarti Lyrics by Anuradha Paudwal
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नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति चंद्रघंटा माँ की पूजा की जाती है।
जय चंद्रघंटा माता ।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।
नवरात्री के तीसरे दिन ,
चंद्रघंटा माँ का ध्यान ।
मस्तक पर है अर्ध चंद्र ,
मंद मंद मुस्कान ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अस्त्र शस्त्र है हाथो में ,
और खडग संग बाण ।
घंटे की शक्ति से ,
हरती दुष्टो के प्राण।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
सिंह वाहिनी दुर्गा ,
चमके स्वर्ण शरीर ।
करती विपदा शांति ,
हरे भक्त की पीर ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
मधुर वाणी को बोलकर ,
सबको देती ज्ञान ।
जितने देवी देवता ,
सभी करे सम्मान ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने शांत स्वभाव से ,
सबका रखती ध्यान।
भव सागर में फसा हूँ ,
करो माता कल्याण ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।
अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।
जय चंद्रघंटा माता ।।
Maa Chandrghanta Aarti Lyrics by Avinash Karn
जयति जय चंद्रघंटा
माँ जयति जय चंद्रघंटा
तुम्हरे नाम का बजता
तुम्हरे नाम का बजता
सृष्टि में डंका
माँ जयति जय चंद्रघंटा
जयति जय चंद्रघंटा
माँ जयति जय चंद्रघंटा
तुम्हरे नाम का बजता
तुम्हरे नाम का बजता
सृष्टि में डंका
माँ जयति जय चंद्रघंटा।
दस भुजा मात के सोहे
खड़ग खप्पर धारी
माँ खड़ग खप्पर धारी
घंटा माथे विराजे
घंटा माथे विराजे
अर्धचंद्र कारे
माँ जयति जय चंद्रघंटा।
सिंह वाहिनी देवी
दानव संघारे
माँ दानव संघारे
छवि अनुपम हे मैया
छवि अनुपम हे मैया
शक्ति अवतारे
माँ जयती जय चंद्रघंटा।
धर्म की रक्षक जननी
पाप का अंत करे
माँ पाप का अंत करे
देख के शक्ति माँ की
देख के शक्ति माँ की
काल भी स्वयं डरे
माँ जयति जय चंद्रघंटा।
घंटा शंख मृदंग माँ
तेरे दर बाजे
माँ तेरे दर बाजे
हीरे मोती पन्ने
हीरे मोती पन्ने
चरणों में राजे
माँ जयति जय चंद्रघंटा।
श्रद्धा भक्ति से जो भी
मैया को ध्याता
मेरी मैया को ध्याता
भक्त वो मन वांछित फल
भक्त वो मन वांछित फल
मैया से पाता
माँ जयती जय चंद्रघंटा।
नवदुर्गा में मैया
तीजा तेरा स्थान
माँ तीजा तेरा स्थान
तीजे नवरात्रि को माँ
तीजे नवरात्रि को माँ
भक्त धरें तेरा ध्यान
माँ जयति जय चंद्रघंटा।
तीजे नवरात्रे को माँ
व्रत जो तेरा धारे
माँ व्रत जो तेरा धारे
सिद्ध कामना होती
सिद्ध कामना होती
भव निधि से तारे
माँ जयती जय चन्द्रघंटा।
हाथ जोड़कर कर विनती
हैं इतनी माता
बस हैं इतनी माता
भक्ति अपनी देना
भक्ति अपनी देना
और ना कुछ चाहता
माँ जयति जय चंद्रघंटा।
जयति जय चंद्रघंटा
माँ जयति जय चंद्रघंटा
तुम्हरे नाम का बजता
तुम्हरे नाम का बजता
सृष्टि में डंका
माँ जयति जय चंद्रघंटा।
आपको मेरे ये लेख Chandraghanta Mata Aarti Lyrics कैसे लगा, मां चंद्रघंटा की आरती करके के बाद दुर्गा माँ की आरती भी करे।