
अग्रसेन व्यापारियों के शहर अग्रोहा के एक महान भारतीय राजा थे । वह भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज हैं और उनका जन्म भगवान राम के बाद 35 वीं पीढ़ी में हुआ था.
Maharaja Agrasen Aarti Lyrics in Hindi
अगर आप महाराजा अग्रसेन आरती के दीवाने है और अगर आपको Maharaja Agrasen Aarti Lyrics Hindi में चाहिये. तो हम आपको Lyrics Provide करवा रहे है.
जय अग्रसेन हरे, स्वामी जय अग्रसेन हरे !
कोटि कोटि नत मस्तक, कोटि कोटि नत मस्तक
सादर नमन करें
ॐ जय अग्रसेन हरे
आश्विन शुक्ल एकं, नृप वल्लभ जय !
स्वामी नृप वल्लभ जय !
अग्र वंश संस्थापक, अग्र वंश संस्थापक
नागवंश ब्याहे
स्वामी जय अग्रसेन हरे
केसरिया थ्वज फहरे, छत्र चवंर धारे
स्वामी छत्र चवंर धारे
झांझ, नफीरी नौबत | झांझ, नफीरी नौबत
बाजे तब द्वारे
ॐ जय अग्रसेन हरे
अग्रोहा राजधानी, इंद्र शरण आये !
स्वामी इंद्र शरण आये
गोत्र अट्ठारह अबतक, गोत्र अट्ठारह अबतक
तेरे गुंड गाये
ॐ जय अग्रसेन हरे
सत्य, अहिंसा पालक, न्याय, नीति, समता !
प्रभू न्याय, नीति, समता
ईंट, रूपया की रीति, ईंट, रूपया की रीति
प्रकट करे ममता
ॐ जय अग्रसेन हरे
ब्रहम्मा, विष्णु, शंकर, वर सिंहनी दीन्हा !
स्वामी वर सिंहनी दीन्हा
कुल देवी महामाया, कुल देवी महामाया
वैश्य करम कीन्हा
ॐ जय अग्रसेन हरे
अग्रसेन जी की आरती, जो कोई नर गाये
स्वामी जो कोई नर गाये
कहत त्रिलोक विनय से | कहत त्रिलोक विनय से
सुख संम्पति पाए
ॐ जय अग्रसेन हरे
(जय अग्रसेन हरे, स्वामी जय अग्रसेन हरे !
कोटि कोटि नत मस्तक, कोटि कोटि नत मस्तक
सादर नमन करें
ॐ जय अग्रसेन हरे ) 3 बार
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महाराजा अग्रसेन आरती (Maharaja Agrasen Aarti Lyrics Hindi) लो जी भक्तो, इस आर्टिकल में हम आपको महाराजा अग्रसेन आरती Maharaja Agrasen Aarti का विडियो और लिरिक्स दे रहे है. अगर आप महाराजा अग्रसेन जो को मानते है और उनकी पूजा करते है तो आपको महाराजा अग्रसेन जी के आरती के हर शब्द अच्छे से याद होने चाहिये.
Maharaja Agrasen Aarti Lyrics in Hindi में निचे दे रखा है तो आप वहा से लिरिक्स को पढ़े.